Phone Bhoot Review: कटरीना कैफ का खत्म हो रहा करिश्मा, वाकई भयानक फिल्म निकली ‘फोन भूत’

सार हाल फिलहाल के दिनों की फिल्मों में फिल्म ‘फोन भूत’ एक ऐसी फिल्म रही है जिसका ट्रेलर और पहला गाना देखने के बाद इसे लेकर जो कुछ भी सोशल मीडिया पर रिलीज हुआ, देखने का मन ही नहीं किया। 

पंजाबी गाने पर नाचते भूत और उनके साथ कदमताल करते सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर का ख्याल आते ही मन करता है कि काश यादों का चैनल भी बदला जा सकता। विस्तार अगर आपने रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट की बनाई वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ देखी होगी तो गुरमीत सिंह के नाम से अनजान नहीं होंगे। 

नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘सैक्रेड गेम्स’ से टक्कर लेने के लिए बनाई गई इस सीरीज को गांव देहात में भी खूब देखा गया, क्यों देखा गया, इसका उत्तर इसे देखने वाले खूब जानते हैं। इस सीरीज के तीन निर्देशकों में एक गुरमीत सिंह ने मुंबई में पले बढ़े और हिंदुस्तान से कटे कटे निर्माताओं रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर को यूं लगता है कि एक विचार सुनाया होगा जो दोनों को खूब पसंद आया होगा। 

फिल्म ‘फोन भूत’ के ट्रेलर लांच पर जब इसके लेखकों रवि शंकरन और जसविंदर सिंह बाथ को भी मंच पर बुलाया गया तो दिल ये सोचकर खुश हुआ कि चलो, फिल्म लेखकों के दिन बहुरने वाले हैं। लेकिन, ट्रेलर के तुरंत बाद उस दिन जो गाना दिखाया गया था, उसने उसी दिन फिल्म का भविष्य भी बता दिया। विदेशी आइडिया, परदेसी फिल्म हाल फिलहाल के दिनों की फिल्मों में फिल्म ‘फोन भूत’ 

एक ऐसी फिल्म रही है जिसका ट्रेलर और पहला गाना देखने के बाद इसे लेकर जो कुछ भी सोशल मीडिया पर रिलीज हुआ, देखने का मन ही नहीं किया। पंजाबी गाने पर नाचते भूत और उनके साथ कदमताल करते सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर का ख्याल आते ही मन करता है कि काश यादों का चैनल भी बदला जा सकता। खैर, विचार तो वही है जो भूतों वाली दर्जनों फिल्मों का रहा है। 

लेकिन, यहां भूतों के पीछे पड़े दो युवकों की साथी है निर्माताओं को अब भी युवती सी नजर आने वाली एक भूत। इस किरदार को निभाया है कटरीना कैफ ने जो शायद ये साबित करने की कोशिश में हैं कि जब सलमान खान और अक्षय कुमार अपनी से आधी उम्र  की लड़कियों के हीरो बन सकते हैं तो उनसे 10-15 साल छोटे हीरो के साथ उनके हीरोइन बनने में क्या हर्ज है। सिद्धांत की तीसरी खराब फिल्म सिद्धांत चतुर्वेदी यशराज फिल्म्स की टैलेंट एजेंसी के भावी कर्णधार हैं। फिल्म ‘बंटी और बबली 2’ में वह एक हिट हो सकने वाली फ्रेंचाइजी डुबा चुके हैं। 

फिल्म ‘गहराइयां’ में दीपिका पादुकोण के साथ काम करने का मौका पा चुके हैं। उसके पहले ‘गली बॉय’ में वह आलिया के साथ थे और अब कटरीना कैफ के साथ। उनके खुश होने के लिए बस इन तीन बातों का ख्याल ही काफी है। खबर ये भी है कि वह बड़े परदे पर ‘शक्तिमान’ भी बन सकते हैं लेकिन अपने बूते एक हिट फिल्म के हीरो वह कब बनेंगे, शायद उनको भी नहीं पता। ‘बंटी और बबली 2’ और ‘गहराइयां’ के बाद फिल्म ‘फोन भूत’ की वह ‘मेजर’ निराशा कहानी

शायद उन्होंने पूरी पढ़ी नहीं और पढ़ी होगी तो पटकथा समझते समय अपना शहर बलिया उनको याद नहीं रहा होगा। बलिया, बरेली, बुलंदशहर, बागपत से लेकर बंबई तक के दर्शकों को ये फिल्म पसंद नहीं आने वाली, फिर सिद्धांत को इसकी पटकथा कैसे पसंद आ गई, ये सोचने वाली बात है। ईशान खट्टर की भी हैट्रिक ईशान खट्टर से हिंदी सिनेमा के दर्शकों को काफी उम्मीदें रही हैं लेकिन या तो ये उनका अपने ऊपर अतिविश्वास है या फिर हिंदी दर्शकों की समझ से उनका वास्ता न होना, उनकी फिल्मों के चयन से ज्यादा उनके अभिनय पर अब सवाल उठने लगे हैं। उनका कुछ तयशुदा भाव दिखने लगे हैं। 

फिल्म दर फिल्म वह एक जैसा अभिनय कर रहें और फिल्म ‘फोन भूत’ का गुल्लू भी कुछ भी ऐसा नहीं करता है कि दर्शकों का मनोरंजन हो। पहले ‘धड़क’, फिर ‘खाली पीली’ और अब ‘फोन भूत’, हैट्रिक लगा दी है ईशान खट्टर ने अपनी खराब फिल्मों की। अब जो भी है वो ‘पिप्पा’ से ही तय होने वाला है। कहानी ‘हॉलीवुड’ की है, पटकथा का रायता फैला हुआ है और अभिनय इसके लीड कलाकारों का ऐसा है कि फिल्म में सबसे ज्यादा तारीफ जैकी श्रॉफ की करनी पड़ रही है। वही इस फिल्म के इकलौते विजेता हैं। 

‘एक भयानक कॉमेडी’ फिल्म देखने में भी बिल्कुल रुचिकर नहीं है। सेट्स देखकर ऐसा लगता है कि जैसे किसी रामसे ब्रदर्स के कला निर्देशक को एक्सेल एंटरटेनमेंट ने नई नौकरी दे दी है। गाने तनिष्क बागची, रोचक कोहली और रॉय की काबिलियत जैसे ही हैं। 

पता नहीं इन संगीतकारों को अपना बनाया भी दो साल पहले का कोई गाना याद है भी कि नहीं। फिल्म ‘फोन भूत’ के पोस्टर पर निर्माताओं ने खुद लिखा है, ‘एक भयानक कॉमेडी’। और, फिल्म है भी बहुत भयानक, हॉरर के सेंस में नहीं, पकाने के सेंस में। बाकी कम लिखे को ज्यादा समझना।